मेरठ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के सदैव ईमानदारी बरतने और मानवता दिखाने के संकल्प का अनुसरण करते हुए आज आईआईएमटी के बाउंसर्स ने एक ऑटो की सवारी के बैग से गिरे 49700 रूपये उसे वापस लौटा दिये। खोये रूपये वापस पाकर ऑटो सवारी की आंखे नम हो आयीं। उसने रूंधे गले से आइआईएमटी बाउंसर्स और प्रबंधन को धन्यवाद दिया।
सचिन कुमार पुत्र श्री बलराम सिंह निवासी दादरी, तहसील सरधना एक शराब कंपनी में कार्यरत है। आज वह पेमेंट लेकर आया था कि गंगानगर स्थित आईआईएमटी विश्वविद्यालय के सामने उसके बैग से नोटों की एक गड्डी गिर गयी जिसमें 49700 रूपये थे। सचिन को रूपये गिरने का पता भी नहीं चला। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के मेन गेट पर सुरक्षा के लिये तैनात बाउंसर्स ने उस गड्डी को देख कर अपने कब्जे में ले लिया। गड्डी में बंधे रूपये देखकर उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार सिक्योरिटी आॅफिसर यशपाल सिंह को जानकारी दी। इतनी देर में सचिन भी गिरे रूपयों की तलाश में वहां पहुंच गया। आईआईएमटी सुरक्षा अधिकारी यशपाल सिंह ने सचिन से पूछताछ की और संतुष्ट होने पर चीफ प्राॅक्टर/चीफ सिक्योरिटी आॅफिसर एके चैहान को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद एके चैहान और यशपाल सिंह ने सचिन को नोटो की गड्डी सौंप दी।
आंखे हुईं नम, रूंध आया गला
एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिये 49700 रूपये बहुत मायने रखते हैं। इतनी बड़ी रकम गुम हो जाने का दुख और उस रकम की भरपाई करने की चिंता में डूबे सचिन को आईआईएमटी के बाउंसर्स के रूप में साक्षात मानवता के दर्शन हो रहे थे। पैसे मिल जाने की खुशी उसके चेहरे पर थी तो आईआईएमटी के बाउंसर्स की ईमानदारी और मानवता को देख उसकी आंखे नम हो आयीं। रूंधे गले से सचिन ने आईआईएमटी के बाउंसर्स और प्रबंधन को धन्यवाद दिया। जिन्होंने न सिर्फ उसकी गाढ़ी कमाई वापस लौटाई बल्कि उसको एक बड़े संकट का सामना करने से भी बचा लिया।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता, प्रो0 चांसलर अभिनव मोहन अग्रवाल ने बाउंसर्स द्वारा दिखायी गयी मानवता की सराहना करते उनका उत्साहवर्धन किया।