मथुरा, रामनाथ कोविंद ने पत्नी सविता कोविंद और पुत्री स्वाति के साथ गुरुवार को बांकेबिहारी के दर्शन किए।
राष्ट्रपति की यात्रा के तहत सुरक्षा की चौकस व्यवस्था की गई थी। इन सुरक्षा कर्मियों में बंदरों से बचाव के लिए लंगूरों की टीम भी तैनात की गई थी।
इस खास दल का एकमात्र लक्ष्य राष्ट्रपति, उनके परिवार और उनके अतिथियों की स्थानीय बंदरों से सुरक्षा करना है।
गौरतलब है कि वृन्दावन और ब्रज के सभी तीर्थस्थलों पर बंदरों की भरमार है। आतंक का हाल यह है कि ये ना सिर्फ लोगों से उनका सामान छीन लेते हैं, बल्कि कई बार उन्हें घायल भी कर देते हैं।
यहां तक कि क्षेत्रीय सांसद हेमामालिनी संसद के मौजूदा सत्र में इस समस्या के निदान के लिए सरकार से कदम उठाने की मांग कर चुकी हैं।
नगर निगम आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया, ''बंदरों की किसी भी शरारत से निपटने के लिए मंदिर तथा आसपास की इमारतों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, पार्किंग से लेकर मंदिर तक के रास्ते में शामियाना लगाया गया था। फिर भी, वन विभाग की ओर से अलग-अलग स्थानों पर चार लंगूरों को तैनात किया गया। इससे बंदरों को राष्ट्रपति और अन्य अतिथियों से दूर रखने में खासी मदद मिली। सब कुछ सकुशल निपट गया।''
उन्होंने बताया, ''राष्ट्रपति कारों के काफिले के साथ बांकेबिहारी मंदिर के नजदीक बनी कार पार्किंग तक पहुंचे। वहां से उनको, उनके परिवार, राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा साथ आए मेहमानों को सुरक्षाकर्मियों सहित गोल्फ कार्ट में मंदिर भवन तक पहुंचाया गया था। मंदिर में कुछ समय दर्शन करने के बाद वे लोग उसी प्रकार लौट गए।''