पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोरोनावायरस फैलता जा रहा है। इस महामारी के कारण सिर्फ भारत में ही 70 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं वही 2200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने देश में लॉक डाउन लागू किया है। हालांकि इस लॉक डाउन से अर्थव्यवस्था पर तो बड़ा असर पड़ा ही है, लोगों की जिंदगी पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को मिला है। यही कारण है कि इस लॉक डाउन के दौरान कई नौकरी पेशा लोग और कॉलेज स्टूडेंट अपने घर का खर्च चलाने के लिए सब्जी और फलों का ठेला लगाने पर मजबूर हो गए हैं।
नौकरीपेशा लोग गांव-गांव घूमकर सामान बेच रहे हैं। इनमें कोई सुपरवाइजर है तो कोई कॉल सेंटर में काम करता है। अपनी पहचान छुपाने के लिए यह गमछा और मास्क से अपना मुंह ढक लेते हैं। नौकरी पेशा लोगों का साफ तौर पर यही कहना है कि इस लॉक डाउन के कारण वे काम नहीं कर पा रहे हैं, कंपनी उनकी सैलरी काट रही है जिसके चलते वह अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही 7 साथ की फीस और ईएमआई भरना भी मुश्किल हो रहा है, इन्हीं सब कारणों से वह सब्जी बेचकर और फल का ठेला लगा कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
कुछ नौकरी पेशा लोगों को इस बात की चिंता है कि लॉक डाउन खुलने के बाद उनकी जॉब रहेगी या नहीं रहेगी। कंपनियां नुकसान में जा रही है। दो-तीन महीने से उनके कामकाज नहीं चल रहे हैं। ऐसे में वह अपने काम को दोबारा शुरू करने की स्थिति में है भी या नहीं है। इसको लेकर भी असमंजस बरकरार है। ऐसे में सरकार के पास लोगों के इस चिंता को दूर करने के कई विकल्प हो सकते हैं। लेकिन उन विकल्पों का कंपनियों पर कितना फायदा होता है, यह देखने वाली बात है। हालांकि इस बीच खबर यह भी आ रही है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को फिर से बूस्ट अप करने के लिए बड़े पैकेज के ऐलान करने जा रही