ऐ दरिया दिल तू जरा मुस्कुरा देते।
गमो को अपने आंसुओ से बहा देते।।
काश की तुम नज़रें यूँ न फेर लेते।
मीठे यादों को सागर में न डुबो देते।।
मीठी यादें भी खारी हुई सागरो में।
मोहब्बत की गठरी में उसे समेटे हुए।।
जिंदगी का फ़साना क्या लिखूं मै।
मैं को तू अपने शोलो में यू जला देते।।
ऐ दरिया दिल तू जरा मुस्कुरा देते।
गमो को अपने आंसुओ में बहा देते।।
।।।डॉ राजकुमार उपाध्याय।।।
एसोसिएट प्रोफेसर(विधि विभाग)
मेरठ कॉलेज मेरठ