पंजाब में विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस की जीत के पीछे अमरिंदर सिंह के चेहरे के साथ ही प्रशांत किशोर की रणनीति का भी हाथ रहा जिसने कांग्रेस का तूफान ऐसा उड़ाया कि सभी देखते रह गए। पंजाब चुनाव के बाद प्रशांत किशोर ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें उन्होंने साफ कह दिया था कि पंजाब में कांग्रेस 68 से 70 सीटों पर कब्ज़ा करेगी और सरकार बनाएगी और कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की। अमरिंदर सिंह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एक बार फिर किशोर को अपने खेमे में शामिल करना चाहते हैं।
कैप्टन व प्रशांत के बीच एक बेहतर अंडरस्टैंडिंग बनने के बाद बताया जा रहा है कि प्रशांत काम तो करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ हुए अपने पिछले अनुभवों को देखते हुए वह हिचक भी रहे हैं। वह इस मामले में पूरी सावधानी के साथ फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहते हैं। किशोर खुद भी कह चुके हैं कि वह कांग्रेस के साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन टुकड़ों में नहीं। पीके यह भी समझते है कि केंद्रीय स्तर पर कांग्रेस के भीतर उनके लिए चीजें आसान नहीं हैं। कांग्रेस के भीतर कई नेता निजी तौर पर पीके के साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी स्तर पर कई 'किंतु-परंतु' हैं और यही चीज पीके को कांग्रेस की ओर से आ रहे प्रस्तावों पर आगे बढ़ने से रोक रही है।
Monday, September 28, 2020
कांग्रेस फिर से ले सकती है प्रशांत किशोर का सहारा
किसान विधेयक पर कांग्रेस का प्रदर्शन
लखनऊ। संसद में पारित नये किसान विधेयक के विरोध में सोमवार को राजधानी में प्रदर्शन करने के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। पार्टी के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार ने बताया कि किसान विरोधी कानून के खिलाफ पूरे प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू के नेतृत्व में एकत्र हुये और प्रदर्शन किया।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता और अध्यक्ष जब राजभवन की ओर बढ़ रहे थे तब सभी को गिरफ्तार कर पुलिस इको गार्डन ले गयी जहां उन्हें रखा गया है। लल्लन ने दावा किया कि प्रदेश के कई जिलों से ऐसी खबरे मिल रही है कि कांग्रेस के जो कार्यकर्ता इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने लखनऊ आ रहे थे उन्हें हिरासत में लकर यहां आने से रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नये कानून के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया और इसे वापस लेने की मांग की।
1000 दलित स्टार्टअप खोलने की तैयारी में केंद्र सरकार
दलित टोकीज की मदद करने के लिए मोदी सरकार ऐसी योजना लाने की तैयारी में है जिसके तहत 1000 दलित स्टार्टअप खोले जा सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सरकार दलित यूथ के फ्रेश आइडिया पर स्टार्टअप्स की शुरुआत की जाएगी। सोशल जस्टिस ऐंड एम्पॉवरमेंट मिनिस्ट्री के तहत प्रोगाम को संचालित किया जाएगा जिसका नाम अंबेडकर सोशल इनोवेशन इन्क्यूबेशन मिशन (ASIIM) है।
308 करोड़ का बजट
एएसआईआईएम 2020-24 के बीच कुल 308 करोड़ रुपये के बजट के साथ चलेगा। यह धनराशि सामाजिक न्याय मंत्रालय के "एससी के लिए वेंचर कैपिटल फंड" के माध्यम से निकाली जाएगी, जिसे IFCI वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
क्या है यह प्रोग्राम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दलित समाज से आने वाले और दिव्यांग युवक जो किसी टेक्नालॉजिकल इंस्टिट्यूट में पढ़ाई करते हैं या फिर प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, उनके फ्रेश आइडिया के आधार पर इनोवेटिव प्रॉडक्ट्स, सर्विस और सलूशन्स तैयार किया जाएगा। इस मकसद को पूरा करने के लिए ASIIM की तरफ से नैशनल सोशल इनोवेशन हब तैयार किया जाएगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव, आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि लॉन्च के लिए परिपक्व होने वाले विचारों को दलित व्यवसायों को निधि देने के लिए चलने वाली योजना "वीसीएफ फॉर एससी" के तहत वाणिज्यिक बैंकों, उद्यम पूंजी कोषों और परी निवेशकों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।