राजीव शर्मा की रिपोर्ट
औरंगाबाद, बुलंदशहर।
मां एक ऐसा शब्द है, जिसका मतलब सिर्फ प्यार होता है । हर व्यक्ति के जीवन में मां सबसे खास होती है मां ही है, जो अपने बच्चों की छोटी-बड़ी खुशियों का ख्याल रखती है। जबकि बदले में मां
बच्चो से कुछ नहीं मागने की इच्छा रखती है। इसलिए हर किसी को मां को हर दिन महसूस करना चाहिए । लेकिन हर वर्ष 1 दिन ऐसा आता है, जो पूरी तरह मां क लिए समर्पित है। ये दिन रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया गया ।लेकिन इस बार लॉक डाउन के चलते मदर्स डे पर ज्यादातर लोगों ने सोशल मीडिया व्हाट्सएप , फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि के माध्यम से लोगों ने मर्दर्स डे मनाया । इस दौरान परिचर्चा में पत्रकार कासिम अहमद ने बताया कि मेरी मां ने मुझे यह संस्कार दिये कि हम अपने आप से लोगों की हर संभव मदद करनी चाहिए यह सबसे बड़ा धर्माथ है और मेरी मां ने बचपन से अब तक मेरी हर इच्छा पूरी की और मेरी मां ने मुझे बहुत आगे बढ़ाया, ये हौसला दिया कि जिंदगी में हार ही नहीं माननी चाहिए। पत्रकार नकुल गुप्ता ने बताया कि में आज जिस मुकाम पर हूं।सिर्फ वह मेरी मां की बदौलत है। मुझे पता है, कि हम किस आर्थिक तंगी में दौर से गुजरे है परन्तु मेरी मां ने मुझे कभी भी इस चीज का एहसास नहीं होने दिया और सदैव मुझे पढ़ाई के लिए जागृत करती रही कि बेटा हिम्मत मत हारना उन्हीं के आशीर्वाद से मैं आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं ।मुझे जीवन में जब भी किसी चीज की जरूरत पड़ी तो सबसे पहले मां को ही बताया। मुझे समय - समय पर मेरी मां ने हिम्मत न हारने की सलाह दी | वही सब इंस्पेक्टर सलमान ने बताया की मां बच्चे की सबसे पहली गुरु होती है वह स्वर प्रथम मां की पाठशाला में ही शिक्षा ग्रहण करता है। उसके बाद ही उसे संसार का ज्ञान होना प्रारंभ हाता है वकील अहमद ने बताया कि में जब भी परेशान होता था , तो में मां के पास जाकर बैठ जाता था। मां ने हमेशा कहा कि आगे बढ़ते रहना और सदैव नेकी के मार्ग पर चलते रहना इस मार्ग पर कठिनाइयों तो बहुत आयेगी लेकिन उनकी परवाह किए बगैर आगे बढ़ते रहना एक दिन अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करोगे किभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए | उनकी ये बाते मुझे आग भी हिम्मत देती रहेंगी । में जो कुछ भी हूं, सब अपनी मां के बताए रास्तों के कारण ही हूं। मां ने मुझ हमेशा सिखाया कि दूसरो की मदद करो भगवान सदैव तुम्हारी मदद स्वयं करेगा।