Monday, May 17, 2021

लॉकडाउन के चलते परेशान व्यापारी

 

औरंगाबाद: लॉकडाउन में छूट प्राप्त ट्रेडों से अलग ट्रेडों के व्यापारीगण दुकानें न खुलने के चलते परेशान हैं। ऐसे व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि उनके ट्रेडों के लिए भी नीति निर्धारित की जाए, जिससे परिवार का भरण-पोषण सुचारू हो सके। नगर के अनेक व्यापारियों ने मीडिया से अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि लॉकडाउन में उनके ट्रेडों को छूट न मिलने के चलते उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लगातार दुकानों के बंद रहने से घर में आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी हेतु भी हाथ में पैसा नहीं रहा है। दुकानों पर जारी बिजली बिल, कर्मचारियों की तनख्वाह, नगरपालिका हाउसटैक्स, जलकर बदस्तूर जारी है। परिवार को जरूरी चाय-नाश्ता, खाना-पीना, सर्फ-साबुन, दवाई-गोली, पढ़ाई-लिखाई, रसोई गैस-बिजली बिल के खर्चे ऐसे हैं, जिनसे मुंह नहीं फेरा जा सकता। जिनके पास अपने मकान-दुकान हैं, उनसे अलग किराए के मकान-दुकान में रह रहे दुकानदारों पर किराए बदस्तूर चढ़ रहे हैं, जिनकी अदायगी न करने पर सिर पर से छत ही चली जाएगी। अपने दर्द को साझा करते हुए जूते-चप्पल, लोहा-लकड़ी, सीमेंट-रेत, क्रीम-पाउडर, रेडीमेड-कपड़ा, ज्वैलरी-आर्टिफिशियल ज्वैलरी, प्लास्टिक खेल-खिलौने, क्रॉकरी-बर्तन, मिठाई की दुकान, पान-बीड़ी, इलेक्ट्रॉनिक-इलेक्ट्रिकल सामान, किताब-कॉपी, तस्वीर फ्रेमिंग, शीशा-हार्डवेयर, ढाबे-होटल, चाय-कैंटीन जैसे धंधों से जुड़े व्यापारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी के नुमाइंदों, शासन-प्रशासन से उनके हाल पर भी ध्यान देते हुए लॉकडाउन में दुकानें खुलने की माकूल व्यवस्था किए जाने की गुहार लगाई है। ऐसे व्यापारियों की सबसे बड़ी मजबूरी है कि सामाजिक मजबूरी के चलते वे अपने स्तर से गिरकर भी कोई और धंधा नहीं कर सकते‌। ऐसे व्यापारियों के समक्ष `इधर कुआं, उधर खाई` वाली स्थिति खड़ी हुई है। व्यापारियों ने सरकार से शीघ्र से शीघ्र उनकी परेशानियों का हल निकालने की मांग की है।