Wednesday, May 19, 2021

औरंगाबाद कसबे में पेयजल आपूर्ति तीन दिनों से ठप्प. कोरोना कर्फ्यू में भी जनता को पानी की आपूर्ति ना होने से पैदा हो गई है कोढ़ में खाज की स्थिति

 औरंगाबाद बुलंद शहर राजेन्द्र अग्रवाल

औरंगाबाद कसबे में पिछले तीन दिनों से पानी की टंकी सूखी पडीं है कसबे की अधिकांश जनता पंचायत की वाटर सप्लाई से ही पेयजल की आपूर्ति पर निर्भर है. साधन सम्पन्न लोगों को भले ही पानी की किल्लत ना खटक रही हो लेकिन गरीबों व मध्यम वर्ग के लोगों के घरों में पानी की भारी किल्लत से हा हा कार मचा हुआ है. कोरोना कर्फ्यू, कोरोना महामारी के चलते बार बार हाथ अच्छी तरह धोते रहने और घरों में रहने की हिदायतें देने में तो कोई कोताही नहीं बरती जा रही है लेकिन गरीब तो यही नहीं समझ पा रहा कि वो हाथ धोये या पानी पिये. पीने तक का पानी तो बाहर से जैसे तैसे लोग ला भी रहे हैं  हाथ धोने को कोई कहाँ से लेकर आये.

पानी की किल्लत के चलते कोरोना महामारी बचाव के तमाम उपायों पर नगर पंचायत की लापरवाही से पानी फिरता साफ नजर आ रहा है.

पेय जल आपूर्ति ठप्प होने के बारे में जानकारी करने पर अधिशासी अधिकारी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि एक वाल्व खराब हो जाने के कारण ही सप्लाई बाधित हुई है जिसको सोमवार तक चालू करवा दिये जाने की आशा है. लेकिन सवाल यह है कि हर माह लाखों का बजट खर्च करने वाली नगर पंचायत ने वाल्व जैसे मामूली उपकरण एडवांस में क्यों खरीद कर नहीं रखे हुए जिनके खराब हो जाने की स्थिति में पूरी वाटर सप्लाई ही ठप्प हो जाये. कितनी हास्यास्पद बात लगती है कि एक मामूली वाहन चालक तक अपनी स्टफनी साथ रखता है लेकिन लाखों खर्च करने वाले अधिकारी वाल्व जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक पुर्जे एडवांस स्टोर में नहीं रखते.