बुलंदशहर जे पी गुप्ता। छतारी में तुम्हारी फा इलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है अदम गोंडवी की यह पंक्ति सिचाई विभाग के कार्य पर सटीक बैठती हैं। क्षेत्र के गांव बिकूपुर रामनगर से होकर जाने वाले रजवाहे में कई दशकों से पानी की आपूर्ति नहीं हुई है, लेकिन सिचाई विभाग द्वारा समय से हर साल रजवाहे की सफाई कराई जा रही है। पानी नहीं आने के बावजूद भी की जा रही खानापूर्ति पर लोग भी कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। स्थानीय किसानों की माने तो वह रजवाहे में पानी नहीं आने के कारण अपने निजी साधनों से फसलों की सिचाई करते हैं।
क्षेत्र के गांव बिकूपुर रामनगर से होकर रजवाहा निकलता है। इस रजवाहे से बदरखा, वमनपुरी, अहमदबाद, कीरतपुर, जयरामपुर, बिकूपुर-रामनगर, समसपुर आदि गांवों के किसानों की सिचाई काफी समय पहले होती थी और वर्तमान में भी हो सकती है, लेकिन रजवाहे में कई दशकों से पानी की आप मूर्ति नहीं हो रही है और रजवाहा पूरी तरह से सूखा पड़ा रहता है। मांग के बावजूद भी सिचाई विभाग के अधिकारियों का पानी की आपूर्ति करने की तरफ तो ध्यान
नहीं है, लेकिन हर साल समय से रजवाहे की सफाई करना जरूर ध्यान रहता है जिसे देखकर लगता है कि यह सफाई महज खानापूर्ति के लिए कराई जा रही है। अगर रजवाहे में पानी ही नहीं आता है, तो उसकी सफाई कराकर बेवजह रुपये खर्च करने से भी कोई फायदा नहीं है। खेतों के निकट रजवाहा होने के बावजूद भी किसान निजी साधन नलकूप, इंजन पंप सेट आदि के माध्यम से अपनी फसलों की सिचाई कर रहे है। गांव कुमरपुर निवासी किसान देवेंद्र सिंह ने बताया कि करीब 15 साल से खेती के कामकाज में जुड़े हुए हैं, लेकिन आज तक उन्होंने रजवाहे में पानी की आपूर्ति होते नहीं देखी। वहीं गांव बदरखा निवासी किसान अनिल चौधरी बताया