Sunday, June 27, 2021

वाई हॉस्पिटल पर लगाए गए आरोपों को मृतका के परिजनों ने किया खारिज कहा लालच देकर दिलवाए गए थे बयान



बिलग्राम (हरदोई) फारुख कुरैशी की खास रिपोर्ट

थाना क्षेत्र के ग्राम नोखेपुरवा निवासी बबलू की पत्नी पुष्पा देवी प्रसव पीड़ा से परेशान थी। जिसे दिनांक 15 जून को अपने परिजनों के साथ बिलग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया था। जहां पर बढ़ती परेशानी को देखते हुए डॉक्टरों ने जिला अस्पताल हरदोई के लिए रेफर कर दिया।जहां से पीड़िता को उसके परिजन अपनी प्राइवेट गाड़ी से लेकर हरदोई जा रहे थे तभी अचानक रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।मृतका की सास ने रोना पीटना शुरू कर दिया परिजन शव को लेकर वहां से गाड़ी वापस कन्नौज चौराहा बाईपास पर पहुंचे।जहां पर उसके रिश्तेदार आ गए।उसके बाद वह लोग गांव पहुंचकर मृतका के शव को हिंदू रीति रिवाज के साथ उसी दिन अंतिम संस्कार कर दिया।मृतका के ससुर सुरेश ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना के पांचवें दिन हमारे गांव नोखेपुरवा में दो लोग कथित पत्रकार पहुंचे। और मेरे बेटे से कहा कि तुम्हारी बीवी मर गई है जहां तुम लोग बाईपास पर खड़े थे यदि तुम लोग वहां पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल का नाम बताकर समझाया कि अगर तुम वाई ए  हॉस्पिटल का नाम लो तो तुम लोगों को अस्पताल संचालक द्वारा पैसा भी दिलबाऊंगा साथ ही सरकार से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना व शौचालय योजना के साथ आर्थिक सहायता भी मिलेगी मुझे लालच देकर झूठ कह लाया गया उस समय मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। अब मैं और मेरा परिवार पूरे होशो हवास में लिखित शिकायत कर रहा हूं कि जिन लोगों ने मुझसे झूठ कहलाकार किसी निर्दोष व्यक्ति को फसाना चाहा ऐसे लोगों के विरुद्ध मैं कानूनी कार्यवाही करना चाहता हूं पीड़ित ने इसके साथ ही जिलाधिकारी को पूरे मामले की लिखित शिकायत ऑनलाइन माध्यम से भेजी।


*सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के साथ ही बेहद संदेहास्पद है पूरा प्रकरण*

सिर्फ एक व्यक्ति द्वारा ट्वीटर पर शिकायत करने से ही होने लगी कार्यवाही बिना पीड़ित की लिखित शिकायत व बिना जांच की गई कार्यवाही आखिर उक्त मामले के बाद 20 तारीख से लेकर 22 तारीख तक अखबारों में सुर्खियां बन कर गलत इंजेक्शन लगाने की खबरें चलने लगी ।सच्चाई तो यह है कि ना तो हॉस्पिटल की कोई भी वीडियो वायरल हुई है ना ही कोई लेन-देन की वीडियो वायरल हुई है ना तो कोई गलत इंजेक्शन लगाने की वीडियो वायरल हुई है किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप पर हॉस्पिटल या गलत इंजेक्शन या लेनदेन की या पीड़ित का बयान चला हो क्योंकि घटना के 5 दिन बाद दो तथाकथित पत्रकार गांव पहुंचे जिसके 2 दिन बाद कुछ चंद अखबारों में खबर लगाई गई थी जब हॉस्पिटल के मालिक आबिद से बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह की हॉस्पिटल की वीडियो होने से साफ इनकार कर दिया और बताया कि रंजिशन वह मुझे व मेरे हॉस्पिटल का नाम बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रच रहे  है जिसमें पैसे की लेनदेन की बात भी सामने आई है आखिर 16 तारीख की घटना को 20 से 22 तारीख में क्यों अखबारों की सुर्खियां बन कर रहेगी इन 5 दिनों में घटना की खबरें क्यों नहीं प्रकाशित की गई थी लोगों में असमंजस बना हुआ है