Saturday, July 31, 2021

ऑनलाइन हुआ काव्य गोष्ठी का आयोजन




बरेली(मोहित सक्सेना)।आज ऐसी महामारी के बीच जहाँ हर प्रकार के औपचारिक गोष्ठी बन्द हैं । वहीं ऑनलाइन माध्यम से गोष्ठीयो का प्रचलन बढ़ चला है उसी का एक उदाहरण कल आयोजित हुई फेसबुक पर संचालित नीलम सक्सेना चंद्रा के पेज पर काव्य गोष्ठी है। इस कार्यक्रम का तकनीकी कार्य पारुल रस्तोगी और मंच संचालन दीप्ति सक्सेना ने किया । 

काव्यगोष्ठी सावन और सामाजिक कुरीतियों पर आधारित थी।

सब से पहले अजय वर्मा,जो लखनऊ के रहने वाले है उन्होंने बेटी के सावन में मायके न आने पर एक पिता के उद्गार व्यक्त करते हुए पढ़ा “सावन के सूने झूलों ने दिल से तुझे पुकारा है” तत्पश्चात प्रियांशु सक्सेना जो कि गाजियाबाद  से हैं उन्होंने सावन की मोहकता का वर्णन करते हुए कहा,”सावन मनभावन प्रेम से सराबोर” 
इसी कार्यक्रम आगे बढ़ाते हुए राजस्थान से कवि राजेंद्र जाट ने सावन में बचपन को याद करते हुए पढ़ा ,”सावन से मिलन की घड़ी है आई”,

इसके बाद गोष्ठी में सीतापुर से कवयित्री  पारुल रस्तोगी ने अपने काव्य की बरसात करते हुए पढ़ा “बरसन लागी बदरिया” सुना कर सब को आनंद विभोर कर दिया।

आगे उत्तर प्रदेश बदायूँ से दीप्ति सक्सेना ने वियोग श्रंगार में एक प्रेयसी की विरह का वर्णन करते हुए पढ़ा ,”रिमझिम रिमझिम गिरे सावन बूंदों की बजी झंकार” इस गीत ने श्रोताओं का मन मोह लिया।

दूसरे राउंड में सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा करते हुए अजय वर्मा एवं प्रियांशु सक्सेना ने दहेज प्रथा को सभ्य समाज के लिए कलंक बताया। राजेंद्र जाट ने मृत्यु भोज की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए। पारुल रस्तोगी ने व्यक्ति की मृत्यु के बाद होने वाले कुछ कार्यों पर प्रश्न चिह्न लगाए। अंत में दीप्ति सक्सेना ने समाज में विधवाओं के साथ होने वाले तिरस्कारपूर्ण व्यवहार पर कटाक्ष किए। अपनी कविताओं के माध्यम से सभी कवियों ने समाज को एक सशक्त संदेश दिया। दर्शकों और श्रोताओं ने भारी उपस्थिति के साथ काव्य गोष्ठी का भरपूर आनंद लिया और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

Tuesday, July 13, 2021

अहेरिया जाति को मिले अनुसूचित जनजाति का दर्जा :- अजय कुमार अहेरिया



बुलंदशहर :- अखिल भारतीय अहेरिया, बहेलिया समाज कल्याण सेवा संस्थान के जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अहेरिया जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग की है।

जिलाध्यक्ष अजय कुमार अहेरिया ने अपने पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन कलक्ट्रेट में दिया है। जिसमें कहा गया है कि अहेरिया जाति आर्थिक रूप से काफी पिछड़ी हुई है। टोकरी बुनाई कर अहेरिया जाति के लोग अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि अहेरिया जाति के लोगों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं, जिससे समाज के लोगों में खासा आक्रोश है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अहेरिया जातिे लोगों की समस्याओं को दूर किया जाए। उन्हें जाति प्रमाण पत्र दिए जाएं, जिससे युवाओं को स्कॉलरशिप मिल सके और सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्राप्त हो सके।