Tuesday, November 23, 2021

शिकारपुर सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर रोहित चला रहें बिना पंजीकरण अस्पताल

बुलंदशहर से कुलदीप सक्सेना की रिपोर्ट

 



बुलंदशहर:- जिले मैं लगातार निजी अस्पतालों की बाढ़ देखी जा सकती है।आखिरकार सीएमओ ऑफिस में बैठे अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आते हैं।उन अधिकारियों की सिर्फ नजरअंदाज करने की वजह से निजी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के जीवन के साथ खुलेआम खिलवाड़ होता ही रहता है। ऐसा ही एक मामला सरकारी अस्पताल के आयुष डॉक्टर रोहित का देखने को मिला। डॉक्टर रोहित ने एक तरफ तो क्लीनिक चला रखा है और दूसरी तरफ उन्होंने अपना निजी अस्पताल खोल रखा है ।जिसमें सरकारी अस्पताल में आए मरीजों को रेफर करा कर इलाज के लिए रखा जाता है।ऐसी जानकारी जब हमारे संवाददाताओं को मिली तो उनके द्वारा आयुष डॉक्टर रोहित के अस्पताल पर जाकर खुफिया वीडियो बनाई गई। जहां आयुष डॉक्टर के द्वारा 6 दिन से एक्सीडेंट हुए मरीज का इलाज किया जा रहा था जिसमें मरीज को बोतल चढ़ाई जा रही थी।दूसरी तरफ गोद में लिए बच्चे की मां अपने बच्चे की सांस लेने की परेशानी को नेबुलाइजर मशीन के द्वारा इलाज करा रही थी।जिसके बारे में बुलंदशहर के सीएमओ को सीयूजी नंबर पर जानकारी दी गई, और अस्पताल चला रहे आयुष डॉक्टर रोहित से भी जिला अस्पताल के सीएमओ से बात कराई गई। आखिर किसकी शह पर बुलंदशहर जिले में इंसानों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है और अधिकारी जान कर क्यों अंजान बने हुए हैं।जिले में ऐसे तमाम अस्पताल और क्लीनिक चल रहे हैं जो मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं ,जबकि हकीकत में शहर भर में गली मोहल्लों में क्लीनिक खोले हुए हैं, बड़ी बात तो यह है कि यहां पर मानक भी पूरे नहीं हो रहे, जहां एक तरफ यह भी देखा जाता है कि एक अस्पताल का पंजीकरण करा कर उसी नाम से ब्रांच खोलकर कंपाउंडर के भरोसे अस्पताल संचालित किए जाते हैं, ऐसा ही मामला एक निजी अस्पताल का है जो महाराजपुर पर स्थित है जिसकी खबर लगभग 3 माह पहले भी चलाई गई थी,जिस अस्पताल पर कार्यवाही का भरोसा दिया गया था, जिसके बाद अभी भी उस अस्पताल के नाम पर उसी जगह अस्पताल संचालित किया जा रहा है ,आखिरकार सीएमओ कार्यालय के अधिकारी क्यों ऐसे अस्पतालों के संचालकों पर कार्यवाही करने से नजर बचाते नजर आते हैं । जब इस बारे में बुलंदशहर जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ विनय कुमार सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि जांच कर कार्यवाही की जाए आखिरकार जांच किस तरह की होगी यह हम आपको बताएंगे अगली खबर में जब तक बने रहे आप हमारे साथ.......

Tuesday, November 16, 2021

मिट्टी के दुरुपयोग पर खनन अधिकारी टाल रहे पुलिस पर पुलिस कार्यवाही पर टालती दिखी खनन अधिकारी पर आखिर जिम्मेदार कौन ???

 बुलंदशहर से कुलदीप सक्सेना की रिपोर्ट

बुलंदशहर :-आखिरकार खनन अधिकारी को मिट्टी के दुरुपयोग की बार-बार जानकारी देने के बाद भी खनन अधिकारी शिव दयाल सिंह क्यों बचते दिख रहे हैं कार्यवाही से??????

हमारे पास अधिकारियों से बात करने की ऑडियो व मौके पर जहां भराव हो रहा है उसकी वीडियो व पुरानी वीडियो भी मौजूद हैं जिनकी पहले भी खबर चलाई जा चुकी है ।




लेकिन कार्यवाही के नाम पर पर सिर्फ 0????????

चलिए हम आपको अवगत कराते हैं पूरी कहानी से ,जैसा की लगभग 1 महीने से अवैध खनन की बार-बार खबरें चलाई जा रही हैं। जिसके बाद भी नरेंद्र भाटी नाम के ठेकेदार पर खनन अधिकारी शिव दयाल सिंह व कोतवाली देहात पुलिस आखिरकार क्यों हो रही है मेहरबान ।जी हां बिल्कुल सच खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह को कई बार जानकारी दी गई, कि नरेंद्र भाटी नाम के ठेकेदार को आपके विभाग से परमिशन तो है मेडिकल कॉलेज व अटल योजना की ।लेकिन उस ठेकेदार के द्वारा सरकारी योजना की आड़ में प्राइवेट तौर पर कुछ भू- माफिया से मिलकर सरकारी योजना की मिट्टी चोरी कर ₹3000 प्रति डंपर के हिसाब से अवैध जगह मिट्टी डाली जा रही है। जिस की जानकारी आज सुबह भी खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह जी को दी। जिनके द्वारा बताया गया कि मैंने ठेकेदार को साफ तौर पर प्राइवेट जगह मिट्टी डालने के लिए मना कर दिया है ,अगर वह अब प्राइवेट जगह मिट्टी डालता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जिसके बाद आज रात्रि लगभग 9:56 मिनट पर खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह को सुनहरा फ्लाईओवर के पास नरेंद्र भाटी के डंपर के द्वारा मिट्टी डालने की सूचना दी गई ।सूचना के बाद जब खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह को कॉल की गई तो उन्होंने बताया की कोतवाली देहात के कोतवाल साहब को जानकारी दे दी गई है वअभी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचते होंगे और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी जरूरी है। जिसके बाद हमारे रिपोर्टर के द्वारा कोतवाली देहात के सीयूजी नंबर पर कॉल की गई जिसमें कोतवाल साहब को सुनहरा फ्लाईओवर की जानकारी दी गई। जिसमें यह भी बताया गया कि आपके पास खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह जी की भी कॉल आई होगी। जिस पर उन्होंने बताया कि हां उनकी कॉल आई थी लेकिन हम कार्यवाही नहीं कर सकते ।क्योंकि यह तो खनन अधिकारी ही बता पाएंगे की इसकी परमिशन किस चीज की है और खनन अधिकारी ही कार्यवाही कर पाएंगे। इस बारे में फिर कॉल कर खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह जी को जानकारी दी गई तो उन्होंने बताया की मैं इस समय अनूपशहर में हूं ,नहीं तो मैं मौके पर आकर कार्यवाही कर देता ।आखिर ऐसी क्या वजह है जो खनन अधिकारी टालते दिख रहे हैं पुलिस पर और पुलिस क्यों टाल रही है खनन अधिकारी पर आखिर वजह क्या ।या इसी तरह से सरकारी जगह की परमिशन पर ठेकेदार के द्वारा मिट्टी चोरी कर प्राइवेट जगह का होता रहेगा भराव कार्य ।आखिरकार जिम्मेदार क्यों बचते नजर आ रहे हैं इस ठेकेदार पर कार्यवाही करने से बाकी तो सब जनता जानती है सब गोलमाल है जी सब गोलमाल है। समझदार के लिए??????? हमेशा सच के साथ,. सच सबसे पहले

Thursday, November 11, 2021

सावधान ..अगर आपके आसपास पल रही है थाई मांगुर मछली तो आप हो सकते हैं बीमार?

 सावधान ..अगर आपके आसपास पल रही है थाई मांगुर मछली तो आप हो सकते हैं बीमार?

कुलदीप कुमार सक्सेना




कुछ कथित पत्रकारों? व अधिकारियों ?की मिलीभगत से हो रहा है थाई मांगुर मछली का पालन


बुलंदशहर ....अब हम आपको बताते हैं थाई मांगुर मछली के बारे में आखिरकार क्यों है यह हानिकारक ।थाई मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गेरीपाइंस है ।इसका उपयोग जानकारी के अनुसार मछली पालक अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में करते हैं। क्योंकि और मछली तो लगभग तैयार होने में 2 साल का समय लेती है, और थाई मांगुर मछली लगभग चार-पांच महीने में 3 किलो के आसपास हो जाती है। जिसका बाजार मूल्य लगभग ₹80 से लेकर ₹100 किलो की रेट में बिक जाती है। जिससे मछली पालकों की कमाई अधिक होती है।


इसके खाने से क्या क्या हो सकती है बीमारियां.....


मछली का मीट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बताया गया है, लेकिन आम आदमी स्वास्थ्य बनाने के चक्कर में अनजाने में अपना स्वास्थ्य खराब कर रहा हैं ।क्योंकि थाई मांगुर मछली अधिकतर फिराई ,व पकौड़ी बनाने के काम आती है ।जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं लेकिन यह थाई मांगुर मछली लोगों को स्वस्थ लाभ पहुंचाने की जगह शरीर को कैंसर डायबिटीज आदि कई खतरनाक बीमारियों को जन्म देती है ।लोगों को पता ही नहीं चलता की आखिर यह खतरनाक बीमारी लगी तो लगी कैसे।

पर्यावरण को नुकसान......


विदेशी थाई मांगुर के पालन से हवा भी प्रदूषित हो जाती है। जिससे वहां के निवासियों में भी कैंसर डायबिटीज आदि खतरनाक बीमारियों हो सकती हैं। जिसके संबंध में एनजीटी( राष्ट्रीय हरित क्रांति न्यायाधिकरण) ने इस संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं ।जिसमें यह कहा गया है कि मत्स्य विभाग के अधिकारी टीम बनाकर निरीक्षण करें और जहां भी इस मछली का पालन हो रहा है उसको साथ के साथ नष्ट भी कराये।और जो भी मछलियों और मत्स्य बीज को नष्ट करने में खर्चा आता है उसे भी थाई मांगुर मछली पालन करने वालों से वसूला जाए।

ऐसा ही थाई मांगुर मछली पालन का मामला जिला बुलंदशहर के थाना खुर्जा देहात के गांव हसनगढ़ के तालाबों का है। जहां थाई मांगुर मछली का पालन लगभग 6 तालाबों में किया जा रहा है। उन तालाबों में थाई मांगुर मछली 1 किलो से लेकर लगभग 3 किलो की मौजूद है जिसकी कवरेज हमारे चैनल की टीम द्वारा की गई। जिसकी जानकारी मत्स्य विभाग की अधिकारी नीतू सिंह जी को उनके व्हाट्सएप नंबर पर वीडियो भेज कर दी गई, साथ ही हमारे संवाददाता ने मत्स्य विभाग के कार्यालय पहुंचकर मत्स्य अधिकारी नीतू सिंह व खुर्जा मत्स्य विभाग के इंस्पेक्टर गौरव कुमार को दी ।जिन्होंने उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर पुलिस को साथ लेकर 24 घंटे में कार्यवाही करने की बात कही। अब देखना यह होगा कि मत्स्य विभाग के द्वारा 24 घंटे में कार्यवाही हो पाती है या तालाबों से मछली निकलने का किया जाएगा इंतजार ।क्योंकि इसमें कुछ कथित पत्रकार जो कभी बड़े बैनर में किया करते थे काम और आज यूट्यूब चैनल बनाकर अधिकारियों को कर रहे हैं गुमराह ।क्योंकि भारत सरकार के अनुसार किसी भी यूट्यूब चैनल को पत्रकारिता की नहीं दी गई है मान्यता ।उनकी व कुछ अधिकारियों की बताई जा रही है मिलीभगत?????........

Wednesday, November 10, 2021

मिट्टी खनन में हुआ चमत्कार अधिकारी सोए कुंभकरण की नींद

 बुलंदशहर से कुलदीप सक्सेना की रिपोर्ट

 बुलंदशहर खनन में एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला ,जी हां बिल्कुल आपने सही सुना कैसे हम बताते हैं आपको ।चोला फ्लाई ओवर से खनन की परमिशन तो है अटल योजना व मेडिकल कॉलेज की ,लेकिन ठेकेदार के द्वारा भूमाफियाओं से मिलीभगत करके भूमाफियाओं की जगह पर ठेकेदार करा रहा है मिट्टी कार्य का भराव ।जी हां बिल्कुल सच आपको जानकारी कराते हैं उस जगह की तहसील के सामने नहर के पुल के पास आश्रम पर, सुनहरा फ्लाईओवर के पास, सुनहरा फ्लाईओवर से आगे खुर्जा रोड आदि पर चल रहा है भराव का कार्य। ऐसा नहीं हो सकता की?? संबंधित अधिकारियों व उच्च अधिकारियों को नहीं हो मालूम क्योंकि यह सब कार्य चल रहा है बिल्कुल ऑन रोड ।खनन अधिकारी से जब जानकारी ली गई तो पता चला कि इसकी परमिशन 30 तारीख में खत्म हो गई थी। उसके बाद फिर परमिशन बढ़ा दी गई है। इसकी परमिशन सिर्फ सरकारी योजना के लिए है अगर ठेकेदार कहीं अन्य जगह कार्य कर रहा है तो जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।पूरे मामले की जानकारी खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह को दे दी गई है। अब देखना यह होगा कि खनन ठेकेदार व भूमाफियाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है, क्योंकि चोरी करना और चोरी का माल रखना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं। आप नजरें बनाए रखें हमारी खबरों पर हम आपको देते रहेंगे पल-पल की जानकारी। हमेशा सच के साथ........