कुलदीप कुमार सक्सेना की कलम से
बुलंदशहर :- सरकारी दुकान भांग की बिक्री गांजा की यह खेल बुलंदशहर जिले में भी भली-भांति फल फूल चुका है।जी हां जिससे आने वाली नस्ल भी इसकी आदि होती नजर आ रही है। हमारी टीम ने जब इस गोरखधंधे की पड़ताल की तो आबकारी और पुलिस की मिलीभगत की पोल खुलती नजर आई। शहर से लेकर गांव में आवंटित सरकारी भांग के ठेके जैसे खुर्जा, पहासू, शिकारपुर ,स्याना ,औरंगाबाद, अनूपशहर, आदि। यहां तक की जिले की सर्वोच्च जगह सिटी बुलंदशहर में भी गांजा का नशा करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं यह खुलेआम रजिस्टर्ड भांग के ठेकों पर ₹100 से लेकर ₹120 तक उपलब्ध हो जाती है। आबकारी और पुलिस पर शक करने की वजह एक और हर भांग के ठेके के पास या तो पुलिस मौजूद रहती है या वहां से थाने की दूरी 400 मीटर से लेकर 500 मीटर की होती है। इस समय जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह तस्वीर खुर्जा भांग के ठेके की है जिस पर सेलमैन खुलेआम गांजा बेचता दिखाई दे रहा है। जिसकी जानकारी खुर्जा आबकारी इंस्पेक्टर को वीडियो भेज कर दी जा चुकी है और खुर्जा भांग के ठेके से कोतवाली की दूरी लगभग 500 मीटर है। अब देखना यह होगा कि आबकारी विभाग व पुलिस विभाग इस ठेका संचालक पर व सेलमैन पर क्या कार्रवाई करते हैं ,या यूं ही खुलेआम सरकारी भांग के ठेके पर गांजा बिकता रहेगा। आखिरकार इस सब का जिम्मेदार कौन अधिकारी मौन ??????