डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी*
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पीड़ित ने आरोपी को सजा दिलाने की लगायी गुहार*
बुलन्दशहर:-नगर में डॉक्टरों की लापरवाही के अनेक मामले सामने आए हैं जिसमें बच्चे को बदलना, इलाज में लापरवाही करने से मृत्यु होना, इलाज के नाम पर अवैध वसूली करना, फर्जी कागजातों पर अस्पताल चलाने एवं इलाज करना जैसे गंभीर आरोप लगते आए हैं ऐसा ही एक मामला कोतवाली नगर के डीएम रोड का सामने आया है जहां एक अस्पताल के डॉक्टरों पर एक अधिवक्ता ने बच्ची के साथ इलाज करने में लापरवाही करने का आरोप लगाया बच्ची के शरीर में इंफेक्शन फैलने के कारण अधिवक्ता की पुत्री की मृत्यु हो गई जिसके उपरांत अधिवक्ता ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन कुमार राघव के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग रखी जिससे किसी अन्य के साथ ऐसी घटना न घट सके।
बता दें कि डीएम रोड स्थित होली चाइल्ड हेल्थ सेंटर के एनआईसीयू में योगेश चौधरी अधिवक्ता निवासी शिवा आवासीय कॉलोनी द्वारा पत्नी के चौधरी नर्सिंग होम में बच्ची होने पर वजन कम होने की वजह से इलाज के लिए डॉक्टर के कहने पर बेबी हिना सिंह को भर्ती कराया था। जहां बच्ची हिना सिंह को मात्र शुगर कम होने की बात कहकर इलाज शुरू कर दिया। सेंटर से 2 दिन बाद डॉक्टर अमित अग्रवाल द्वारा विदेश जाने के कारण बच्ची को पड़ोस के ऊर्जा चिल्ड्रन हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। जहां पर डॉक्टर विजय स्वरूप शर्मा द्वारा बच्ची की देखरेख की जा रही थी। डॉक्टर द्वारा बार-बार बताया जा रहा था कि बच्ची एकदम स्वस्थ है।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन सिंह राघव ने अधिवक्ताओं के साथ जाकर एसपी सिटी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी जिससे आगे किसी भी अधिवक्ता के साथ ऐसी घटना न घट सके।
अधिवक्ता योगेश चौधरी द्वारा बताया गया कि डॉ विजय स्वरूप शर्मा द्वारा बच्ची के इलाज में लापरवाही करने के कारण बच्ची के शरीर में इंफेक्शन फैल गया जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई। क्योंकि जब वह बच्ची को दूध देने के लिए गया तो वहां बच्ची की ऑक्सीजन की मात्रा और हार्टबीट बहुत कम देखी। किसी डॉक्टर का बच्ची पर कोई ध्यान नहीं था। जब डॉक्टर को बुलाया गया तो उन्होंने बच्ची को ऑक्सीजन लगाई और बच्ची की दूध की पाइप से इंजेक्शन लगाकर बच्ची के पेट का दूध खींचकर बार-बार बाहर निकाल कर कूड़ेदान में फेंकने लगे यह सब घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। डॉ विजय स्वरूप द्वारा अधिवक्ता को बताया कि वह बच्ची को अगर बचाना चाहते हो तो वह तुरंत उसे हायर सेंटर ले जाएं। अधिवक्ता तुरंत आनन फानन में एंबुलेंस करके अपनी बच्ची को ग्रीन सिटी हॉस्पिटल डेल्टा वन ग्रेटर नोएडा ले गए जहां पहुंचने पर डॉ जतिन गर्ग ने बच्ची को देखते ही बताया कि बच्ची को बहुत इंफेक्शन हो गया है जो पूरे शरीर में फैल गया है जिसके कारण बच्चे का शरीर फुल चुका है और उसकी स्किन रबड़ जैसे टाइट हो गई है उसका रंग भी काला पड़ गया है बार-बार दौरे पड़ रहे हैं खून की भी काफी कमी है जिसके कारण बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा जाएगा।
डॉ विजय स्वरूप की लापरवाही से बच्ची हिना सिंह के शरीर में इंफेक्शन फैल गया जिसके कारण तबीयत बिगड़ती गई जांच में पता चला कि इंफेक्शन सामान्य से 20 गुना फैल चुका है जिसके कारण लंस और गुर्दे भी काम करना बंद कर दिया है बच्ची की हृदय गति धीरे-धीरे रुक गई और बच्ची की मृत्यु हो गई डॉ विजय स्वरूप द्वारा इंफेक्शन की भी कोई जांच नहीं कराई गई जिसके कारण साफ लापरवाही दिखाई दे रही।
बच्चे की मृत्यु होने के उपरांत अधिवक्ता न्याय की गुहार लगाने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा जिसने लापरवाही करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी।
जिसमें डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन कुमार राघव के साथ योगेंद्र चौधरी एडवोकेट
विक्रम सिंह एडवोकेट सुशील कुमार मुखिया एडवोकेट एवं अन्य अधिवक्तागण शामिल रहे।