Tuesday, October 25, 2022

ये दीपावली इस तरह तुम मनाना मोहब्बत के सब मिलकर दीपक जलाना

 प्रस्तुति कुलदीप कुमार सक्सेना




बुलंदशहर बज़्में ख़ुलूस ओ अदब की ओर से डी एस गेस्ट हाउस काला आम चौराहा में दीपावली के पावन अवसर पर एक गंगा जमुनी कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता फ़रमाई मुल्क के मशहूर शायर शैदा अमरोही ने तथा संचालन सैयद अली अब्बास नोगाॅंवीं ने किया इस कार्यक्रम में मेहमान ए ख़ुसूसी, मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली दूरदर्शन उर्दू के सैयद नज़्म इकबाल साहब रहे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जज सलीम अहमद साहब, रईस आज़म खान मुजफ्फरनगर और असलम जावेद दिल्ली रहे कार्यक्रम का आगा़ज़ सैयद अली अब्बास नौगांवी की नाते पाक तथा शंभू दत्त त्रिपाठी की सरस्वती वंदना से किया गया! मुशायरे में पढ़े गए चंद शायरों और कवियों के शेर पाठकों की नज़र हैं


इक टीस सी दिल में होती है कुछ दर्द सिवा हो जाता है 

जब उनका तसव्वुर करता हूं हर जख़्म हरा हो जाता है 

सैयद नज़म इक़बाल दिल्ली


रुख से परदे को उठाने में बहुत देर लगी 

वो जो रूठे तो मनाने में बहुत देर लगी

डॉक्टर इरशाद अहमद शरर एडवोकेट


आज जिंदा रहने को जिंदगी तरसती है

दौर में गरानी के मौत कितनी सस्ती है

शैदा अमरोही 


जुनून ए इश्क़ में मुझ पर कभी ऐसा मुका़म आया

दरे महबूब जब पहुंचा सदा आई ग़ुलाम आया

 रईस मुजफ्फरनगरी


ये दीपावली इस तरह तुम बनाना

मोहब्बत के सब मिलकर दीपक जलाना

 सैयद अली अब्बास नौगाॅंवीं


उसकी तो हर एक बात का दुश्मन है ज़माना 

वो आदमी कौसर कहीं सच्चा तो नहीं है 

एन मीम कौसर


गीता कुरान की शिक्षा नाकाम ना हो

अवतारों की धरती भी बदनाम ना हो

असलम जावेद दिल्ली 


हवस का बल्ब तो रोशन है लेकिन

मोहब्बत का दिया टूटा पड़ा है

 युसूफ सहराई


सच को मैंने सच कहा तो यह सिला मुझको मिला

गैर क्या अपनों के तीरों का निशाना हो गया 

फ़हीम कमालपुरी


जिंदगी भर वह मुस्कुराएंगे

नाज़ हमदम के जो उठाएंगे 

जीपी सिंह सफ़र खुर्जा 


जे़हन चाहे खा़मोश रहता है

बेखुदी में भी होश रहता है

डॉक्टर हुसैन अहमद आज़म


बांधकर पर कह रहा है सय्याद 

ए परिंदे जा तू अब आज़ाद है 

अशोक साहिब गुलावठी


इनके अलावा डॉ असलम बरनी, बुध पाल सिंह खुर्जा ,लियाकत कमालपुरी, शंभू दत्त त्रिपाठी , किशोर अग्रवाल, डॉ सैयद राही निज़ामी, राजेश राज, सुमन बहार खुर्जा ,गुफ़रान राशिद गुलावठी, वगैरा ने भी कार्यक्रम में अपना कलाम पेश किया यह मुशायरा रात्रि 2:30 बजे तक चला 

मुशायरे में उपस्थित रहे शमीम अहमद हवारी ,असलम ,आफ़ाक़ हाशमी खुर्जा, आलम रिजवी, अहमद तथा गेस्ट हाउस के मालिक विनोद चौधरी अंत में प्रोग्राम के कन्वीनर डॉ इरशाद अहमद शरर ने सभी आने वाले मेहमानों का शुक्रिया अदा किया