बुलंदशहर से कुलदीप कुमार सक्सेना की कलम से
बुलंदशहर:- बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ,ए
एसपी महोदया व एसडीम सदर की अच्छी पहल के चलते खनन माफियाओं के हौसले हो रहे हैं पस्त। वही दोनों महिला अधिकारियों की हो रही है तारीफ जो जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। एक तरफ तू खनन माफियाओं के हौसले हो रहे हैं पस्त लेकिन कोतवाली नगर क्षेत्र के देसी शराब ठेका संचालक को नहीं है किसी भी अधिकारी का डर। बेखौफ होकर दिन निकलते ही देसी शराब के ठेकों पर खुलेआम बेची जाती है देसी शराब।ऐसा ही एक मामला दिन निकलते ही कोतवाली नगर क्षेत्र के खुर्जा गेट चौकी क्षेत्र के रोडवेज बस स्टैंड के सामने स्थित देसी शराब के ठेके का सामने आया है,जिसमें से अंदर से बाहर एक व्यक्ति को शराब दी जाती है।जिसकी वीडियो आवकारी सदर इंस्पेक्टर दिलीप वर्मा जी को मौके से ही समय करीब प्रातः 8:34 पर उनके व्हाट्सएप नंबर पर दे दी जाती है। जिनके द्वारा बताया जाता है की उनके द्वारा मौके पर सिपाही को भेजा जाता है सिपाही के द्वारा उन्हें बताया गया कि कैंटीन से ही शराब का वितरण किया गया है जिसकी जानकारी आबकारी सदर इंस्पेक्टर दिलीप वर्मा के द्वारा पत्रकार को बताई जाती है।अब देखना यह होगा कि क्या आपकारी विभाग के द्वारा देसी शराब ठेका संचालक या कैंटीन संचालक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है,या यूं ही यह खेल ठेका संचालक व कैंटीन संचालक की मिलीभगत से चलता रहेगा।
नोट:- जैसा कि सभी को पता है कि नगर पालिका इलेक्शन शुरू होने में कुछ ही समय बाकी है अगर उस दौरान समय से पहले खरीद गई शराब के ठेकों से शराब से अगर कोई जनहानि होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। जैसा कि पूर्व में बुलंदशहर जिले में इलेक्शन के दौरान कई बार जनहानि हो चुकी है और कैसे सिद्ध होगा कि यह शराब ठेके से खरीदी गई या नहीं खरीदी गई आखिरकार जिम्मेदार होगा कौन?????? शराब ठेकेदार ,कैंटीन ठेकेदार ,आबकारी अधिकारी या पुलिस सोचने की बात????
एक पत्रकार की कलम की ओर से सभी अधिकारियों से अपील है कि जल्दी ही इन पर कार्रवाई होनी जरूरी जिससे ना हो कोई जनहानि धन्यवाद
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